Q. Q. Write about Buddhist and Jain literature. Q. Q. बौद्ध और जैन साहित्य के बारे में लिखिए |

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 inscriptions are votive records of the followers of Buddhism, Jainism.Vaishnavism, etc, who put up pillars, tablets, temples or images as marks of devotion

The religious books of Jainas and Buddhists refer to historical personalities and 

incidents. .

 The earliest Buddhist texts were written in Pali language, which was common man'slanguage in Magadha or South Bihar. They were finally compiled in the second century BC in Sri Lanka, but the canonicalportions reflect the state of affairs in the age of Buddha in India.

 They tell us not only about the life of Buddha but some of the Buddhist kings who ruled

over Magadha, Northern Bihar and Eastern Uttar Pradesh.

बौद्ध और जैन धर्म भारतीय उपमहाद्वीप के दो प्रमुख धर्म हैं, जिनका उदय प्राचीन काल में हुआ। दोनों धर्मों ने भारतीय समाज, संस्कृति, और दर्शन पर गहरा प्रभाव डाला है। इन धर्मों की मुख्य विशेषताएं और इतिहास निम्नलिखित हैं: ### बौद्ध धर्म #### उत्पत्ति और इतिहास: - **संस्थापक:** गौतम बुद्ध (सिद्धार्थ गौतम) ने बौद्ध धर्म की स्थापना की। उनका जन्म 563 ईसा पूर्व में लुम्बिनी (वर्तमान नेपाल) में हुआ था। - **बुद्धत्व प्राप्ति:** गौतम बुद्ध ने 29 वर्ष की आयु में राजमहल छोड़कर सत्य की खोज में संन्यास लिया। कई वर्षों की तपस्या और ध्यान के बाद उन्हें बोधगया में बोधिवृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ, और वे 'बुद्ध' (ज्ञान प्राप्त) कहलाए। - **प्रचार:** बुद्ध ने अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया, जिसे 'धर्मचक्र प्रवर्तन' कहा जाता है। उनके उपदेशों ने अहिंसा, करुणा, और आत्मज्ञान पर जोर दिया। #### प्रमुख सिद्धांत: 1. **चार आर्य सत्य (Four Noble Truths):** - दुख का सत्य (Dukkha): जीवन में दुख है। - दुख के कारण का सत्य (Samudaya): दुख का कारण तृष्णा (इच्छा) है। - दुख के निरोध का सत्य (Nirodha): तृष्णा के निरोध से दुख का अंत हो सकता है। - दुख निरोध के मार्ग का सत्य (Magga): अष्टांगिक मार्ग (Eightfold Path) का पालन करके दुख से मुक्ति पाई जा सकती है। 2. **अष्टांगिक मार्ग (Eightfold Path):** - सम्यक दृष्टि (Right View) - सम्यक संकल्प (Right Intention) - सम्यक वाणी (Right Speech) - सम्यक कर्म (Right Action) - सम्यक आजीविका (Right Livelihood) - सम्यक प्रयास (Right Effort) - सम्यक स्मृति (Right Mindfulness) - सम्यक समाधि (Right Concentration) 3. **अनात्मवाद (Anatman):** बौद्ध धर्म आत्मा के अस्तित्व को नकारता है और मानता है कि आत्मा की कोई स्थायी वास्तविकता नहीं है। 4. **निर्वाण (Nirvana):** तृष्णा और अज्ञानता का अंत करके शांति और मोक्ष की स्थिति प्राप्त की जा सकती है। #### प्रमुख संप्रदाय: 1. **थेरवाद (Theravada):** बौद्ध धर्म का सबसे पुराना और पारंपरिक रूप, जो दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में प्रचलित है। 2. **महायान (Mahayana):** बौद्ध धर्म का उदार और व्यापक रूप, जो पूर्वी एशिया में प्रचलित है। 3. **वज्रयान (Vajrayana):** बौद्ध धर्म का तांत्रिक और रहस्यमय रूप, जो तिब्बत और हिमालयी क्षेत्रों में प्रचलित है। ### जैन धर्म #### उत्पत्ति और इतिहास: - **संस्थापक:** जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर (वर्धमान) ने इसे पुनर्जीवित किया। उनका जन्म 599 ईसा पूर्व में कुंडलपुर (वर्तमान बिहार, भारत) में हुआ था। - **महावीर का जीवन:** महावीर ने 30 वर्ष की आयु में संन्यास लिया और 12 वर्षों की कठोर तपस्या के बाद कैवल्य (ज्ञान) प्राप्त किया। उन्होंने अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, और अपरिग्रह के सिद्धांतों का प्रचार किया। - **पुरातन इतिहास:** जैन धर्म के अनुसार, यह धर्म अनादि काल से अस्तित्व में है और हर युग में 24 तीर्थंकर होते हैं जिन्होंने धर्म का प्रचार किया। #### प्रमुख सिद्धांत: 1. **अहिंसा (Ahimsa):** सभी जीवों के प्रति अहिंसा और करुणा का पालन करना। 2. **सत्य (Satya):** सत्य का पालन करना और झूठ से बचना। 3. **अस्तेय (Asteya):** चोरी न करना और किसी की वस्तु बिना अनुमति के न लेना। 4. **ब्रह्मचर्य (Brahmacharya):** यौन संयम और शुद्धता का पालन करना। 5. **अपरिग्रह (Aparigraha):** संयम और त्याग का पालन करना, वस्त्र और संपत्ति के प्रति आसक्ति न रखना। #### प्रमुख अवधारणाएं: 1. **अनंत सिद्धांत (Anekantavada):** सत्य और वास्तविकता का बहुआयामी दृष्टिकोण। 2. **सयादवाद (Syadvada):** विभिन्न दृष्टिकोणों के समावेश की नीति। 3. **जीव और अजीव (Jiva and Ajiva):** जीवित आत्माएं (जीव) और निर्जीव पदार्थ (अजीव)। #### प्रमुख संप्रदाय: 1. **दिगंबर (Digambara):** यह संप्रदाय मानता है कि मोक्ष प्राप्त करने के लिए वस्त्रों का परित्याग आवश्यक है। इसके साधु नग्न रहते हैं। 2. **श्वेतांबर (Shvetambara):** यह संप्रदाय साधुओं को सफेद वस्त्र धारण करने की अनुमति देता है। ### निष्कर्ष बौद्ध और जैन धर्म दोनों ने भारतीय दर्शन और संस्कृति को समृद्ध किया है। दोनों धर्मों ने अहिंसा, सत्य, और आत्मज्ञान पर बल दिया है, और उन्होंने भारतीय समाज में सामाजिक और धार्मिक सुधारों को प्रेरित किया है। बौद्ध धर्म ने ध्यान और करुणा के माध्यम से आंतरिक शांति और मोक्ष की ओर मार्गदर्शन किया, जबकि जैन धर्म ने कठोर तपस्या और संयम के माध्यम से आत्मशुद्धि और मोक्ष की दिशा में प्रेरित किया। दोनों धर्म आज भी व्यापक रूप से अनुसरण किए जाते हैं और विश्व के विभिन्न हिस्सों में इनके अनुयायी हैं।

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