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एआई के नैतिक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग आवश्यक है। इससे एआई के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा और विश्वसनीयता बनी रहेगी। नैतिक एआई के बारे में अधिक जानें
कठोर नियमों से बचते हुए ऐसी नीतियां बनानी चाहिए जो नवाचार को बाधित न करें। इससे नई तकनीकों को बढ़ावा मिलेगा और स्टार्टअप्स को अवसर मिलेगा। एआई नियमन और नवाचार पर अधिक जानकारी
एआई विकास और नियम-निर्माण में सभी देशों को समान अवसर मिलने चाहिए। इससे वैश्विक स्तर पर संतुलित विकास संभव होगा। विकासशील देशों में एआई की भूमिका
एआई का प्रभाव न केवल अर्थव्यवस्था बल्कि राजनीति और सुरक्षा पर भी पड़ता है, इसलिए सभी पहलुओं पर विचार जरूरी है।
एआई से उत्पन्न खतरों को कम करने के लिए साइबर सुरक्षा उपायों और डेटा सुरक्षा कानूनों को मजबूत करना आवश्यक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने एआई के विकास और नियमन के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता पर बल दिया है। पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए वैश्विक सहयोग, मजबूत नीतियां, और समावेशी विकास आवश्यक हैं।
पारदर्शिता सुनिश्चित करने से एआई सिस्टम के फैसलों की व्याख्या करना आसान हो जाता है और यह भेदभाव रहित बनता है।
सरकारों को ऐसे नियम बनाने चाहिए जो सुरक्षा सुनिश्चित करें लेकिन साथ ही स्टार्टअप्स और कंपनियों को नवाचार का अवसर भी दें।
यदि केवल विकसित देश एआई में आगे बढ़ेंगे तो वैश्विक असमानता बढ़ सकती है। इसलिए, सभी देशों को समान अवसर मिलना चाहिए।
एल्गोरिदम की निगरानी, डीपफेक डिटेक्शन टूल्स और कानूनी प्रतिबंधों को लागू करना प्रभावी उपाय हैं।
डेटा एन्क्रिप्शन, मजबूत पासवर्ड नीति और अंतरराष्ट्रीय डेटा संरक्षण कानूनों को सख्ती से लागू करना आवश्यक है।
कॉपीराइट 2022 ओजांक फाउंडेशन