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पृथ्वी के आंतरिक बलों (Endogenic Forces) और बाह्य बलों (Exogenic Forces) का तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।

15-04-2025

परिचय
 

पृथ्वी की सतह में परिवर्तन मुख्य रूप से दो प्रकार की शक्तियों द्वारा होते हैं:

  • आंतरिक बल (Endogenic Forces): पृथ्वी के अंदर से उत्पन्न होने वाले बल।
  • बाह्य बल (Exogenic Forces): पृथ्वी की सतह पर बाहरी एजेंटों (पानी, हवा, बर्फ) द्वारा कार्यशील बल।
     

आंतरिक बल (Endogenic Forces)
 

  • ये बल पृथ्वी के आंतरिक भाग से उत्पन्न होते हैं और टेक्टोनिक प्लेटों की गति, भूकंप, और ज्वालामुखी जैसी घटनाओं के लिए उत्तरदायी होते हैं।
  • दो प्रकार के होते हैं:
    1. अचानक उत्पन्न होने वाले बल (Sudden Forces) – भूकंप, ज्वालामुखी, भूस्खलन।
    2. धीमी गति से होने वाले बल (Diastrophic Forces) – पर्वत निर्माण, भ्रंश और वलन।
       

बाह्य बल (Exogenic Forces)
 

  • ये बल वायुमंडलीय और जलवायु तत्वों से प्रभावित होते हैं और क्षरण तथा निक्षेपण की प्रक्रियाएँ संचालित करते हैं।
     
  • मुख्य एजेंट:
    1. जल (Water) – नदियाँ बाढ़ मैदान, डेल्टा, ऑक्स-बो झीलों का निर्माण करती हैं।
    2. हवा (Wind) – रेगिस्तानों में बालू के टिब्बों और मशरूम चट्टानों का निर्माण।
    3. हिमनद (Glaciers) – U-आकार की घाटियाँ, मोराइन और हिम झीलों का निर्माण।
       

तुलनात्मक अध्ययन
 

विशेषता

आंतरिक बल (Endogenic Forces)

बाह्य बल (Exogenic Forces)

स्रोत

पृथ्वी के आंतरिक भाग से

बाहरी कारक जैसे हवा, जल, हिम

प्रभाव

भूकंप, ज्वालामुखी, पर्वत निर्माण

क्षरण, निक्षेपण, जलवायु परिवर्तन

गतिशीलता

तीव्र (भूकंप) और धीमी (पर्वत निर्माण)

निरंतर और क्रमिक प्रभाव

उदाहरण

हिमालय पर्वत, डेक्कन पठार

गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा, थार मरुस्थल


निष्कर्ष
 

पृथ्वी के भू-आकृतिक परिवर्तनों में आंतरिक और बाह्य बलों की भूमिका महत्वपूर्ण है। सतत विकास के लिए इन प्रक्रियाओं की समझ आवश्यक है।

 

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