परिचय
पृथ्वी की सतह में परिवर्तन मुख्य रूप से दो प्रकार की शक्तियों द्वारा होते हैं:
- आंतरिक बल (Endogenic Forces): पृथ्वी के अंदर से उत्पन्न होने वाले बल।
- बाह्य बल (Exogenic Forces): पृथ्वी की सतह पर बाहरी एजेंटों (पानी, हवा, बर्फ) द्वारा कार्यशील बल।
आंतरिक बल (Endogenic Forces)
- ये बल पृथ्वी के आंतरिक भाग से उत्पन्न होते हैं और टेक्टोनिक प्लेटों की गति, भूकंप, और ज्वालामुखी जैसी घटनाओं के लिए उत्तरदायी होते हैं।
- दो प्रकार के होते हैं:
- अचानक उत्पन्न होने वाले बल (Sudden Forces) – भूकंप, ज्वालामुखी, भूस्खलन।
- धीमी गति से होने वाले बल (Diastrophic Forces) – पर्वत निर्माण, भ्रंश और वलन।
बाह्य बल (Exogenic Forces)
- ये बल वायुमंडलीय और जलवायु तत्वों से प्रभावित होते हैं और क्षरण तथा निक्षेपण की प्रक्रियाएँ संचालित करते हैं।
- मुख्य एजेंट:
- जल (Water) – नदियाँ बाढ़ मैदान, डेल्टा, ऑक्स-बो झीलों का निर्माण करती हैं।
- हवा (Wind) – रेगिस्तानों में बालू के टिब्बों और मशरूम चट्टानों का निर्माण।
- हिमनद (Glaciers) – U-आकार की घाटियाँ, मोराइन और हिम झीलों का निर्माण।
तुलनात्मक अध्ययन
विशेषता
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आंतरिक बल (Endogenic Forces)
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बाह्य बल (Exogenic Forces)
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स्रोत
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पृथ्वी के आंतरिक भाग से
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बाहरी कारक जैसे हवा, जल, हिम
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प्रभाव
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भूकंप, ज्वालामुखी, पर्वत निर्माण
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क्षरण, निक्षेपण, जलवायु परिवर्तन
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गतिशीलता
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तीव्र (भूकंप) और धीमी (पर्वत निर्माण)
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निरंतर और क्रमिक प्रभाव
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उदाहरण
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हिमालय पर्वत, डेक्कन पठार
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गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा, थार मरुस्थल
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निष्कर्ष
पृथ्वी के भू-आकृतिक परिवर्तनों में आंतरिक और बाह्य बलों की भूमिका महत्वपूर्ण है। सतत विकास के लिए इन प्रक्रियाओं की समझ आवश्यक है।
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