I. खजुराहो का ऐतिहासिक महत्व:
- निर्माणकाल: 950–1050 ई. (चंदेल राजवंश)
- यह UNESCO विश्व धरोहर स्थल है।
- 85 मंदिरों में से 25 संरक्षित हैं, जो हिन्दू और जैन धर्म से संबंधित हैं।
II. नागर शैली की विशेषताएँ – खजुराहो में परिलक्षित:
- रेक्खा-प्रसाद शिखर – बहुस्तरीय, घुमावदार और ऊर्ध्वाकार शिखर।
- सुसंगत मंडप योजना – गर्भगृह, अंतराल, मंडप और महा-मंडप का स्पष्ट क्रम।
- उच्च वेदिका पर निर्मित – मंदिर आधारभूमि से ऊँचे हैं।
III. कलात्मक सौंदर्य:
- कामकला की मूर्तियाँ – मानव जीवन के सभी पक्षों का चित्रण, जिनमें काम, भक्ति, संगीत, नृत्य शामिल हैं।
- जीवंत मूर्तिकला – प्रतीकात्मकता के साथ धार्मिक विषयों का गहन चित्रण।
IV. प्रमुख मंदिर:
- कंदरिया महादेव मंदिर – सबसे ऊँचा और समृद्ध मंदिर।
- लक्ष्मण मंदिर, विश्वनाथ मंदिर – नागर शैली की परिपक्वता का उदाहरण।
V. निष्कर्ष:
खजुराहो मंदिर न केवल स्थापत्य कला की ऊँचाई दर्शाते हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि नागर शैली में आध्यात्मिकता और लौकिकता का सम्मिलन संभव है।
