

भारत सरकार ने नितिन गडकरी जी के नेतृत्व में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है — आने वाले 2 वर्षों में ₹10 लाख करोड़ (10 ट्रिलियन) रुपए का निवेश हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर पर किया जाएगा, जो न सिर्फ कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा बल्कि भारत को अमेरिका जैसे विकसित देशों के स्तर पर खड़ा करेगा।
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नेशनल हाईवे नेटवर्क का कायाकल्प
यूएस स्टैंडर्ड के अनुरूप रोड क्वालिटी और सेफ्टी फीचर्स
बॉर्डर और नॉर्थ ईस्ट इंडिया में स्पेशल फोकस
आर्थिक विकास और लॉजिस्टिक रिवोल्यूशन
जानिए: भारत की राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन – नीति आयोग
ईस्टर्न इंडिया और नॉर्थ ईस्ट को प्राथमिकता:
राज्य | अनुमानित निवेश |
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असम | ₹57,000 करोड़ |
बिहार | ₹90,000 करोड़ |
झारखंड | ₹53,000 करोड़ |
पश्चिम बंगाल | ₹42,000 करोड़ |
ओडिशा | ₹58,000 करोड़ |
इन पाँच राज्यों में कुल 3.7 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
प्रोजेक्ट्स की संख्या: 784
कुल हाईवे लंबाई: 21,000 किमी
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लेन की चौड़ाई बढ़ाकर 3.6 मीटर करना
स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम
AI बेस्ड टोलिंग और ट्रैफिक मॉनिटरिंग
ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर
सोलर स्ट्रीट लाइटिंग और वृक्षारोपण
टनल और ब्रिज निर्माण विशेषकर पहाड़ी इलाकों में
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HAM Model (Hybrid Annuity Model):
40% राशि सरकार देती है 5 हिस्सों में
60% राशि प्राइवेट प्लेयर लगाता है
टोल कलेक्शन सरकार करती है
प्राइवेट प्लेयर को सरकार 15–20 वर्षों में किश्तों में भुगतान करती है
समझें: हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल (HAM) क्या है? – आरबीआई गाइड
बॉर्डर सिक्योरिटी: भारत-चीन, भारत-बांग्लादेश, भारत-म्यांमार सीमाओं तक तेज सैनिक मूवमेंट
मेक इन इंडिया लॉजिस्टिक्स: राज्य से राज्य तक सामान का तेजी से ट्रांसपोर्ट
नॉर्थ ईस्ट टूरिज्म और हिमालयन इकोनॉमी को बूस्ट
बड़े स्तर पर रोजगार सृजन (Construction + Maintenance सेक्टर)
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फीचर | अमेरिका | भारत (2027 तक लक्ष्य) |
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लेन चौड़ाई | 3.6m | 3.5–3.75m |
रोड क्वालिटी इंडेक्स | टॉप 5 | टॉप 30 में लाना है |
रोड एक्सीडेंट डेथ प्रति मिलियन | 12 | 90+ से कम करना है |
ईवी चार्जिंग स्टेशन | बहुत अधिक | तेजी से विस्तार |
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे – 8 लेन, अक्टूबर 2025 तक पूर्ण
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे – 1257 किमी
रायपुर–विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे – 465 किमी
वाराणसी–रांची–कोलकाता कॉरिडोर – 650 किमी
गंगा एक्सप्रेसवे (UP) – 594 किमी
नागपुर में पायलट प्रोजेक्ट:
135 पैसेंजर की ईवी / हाइड्रोजन फ्यूल बस
BOT मॉडल पर ऑपरेटेड
सफल हुआ तो देशभर में विस्तार
यह ₹10 लाख करोड़ का मास्टरप्लान सिर्फ हाईवे निर्माण नहीं, बल्कि एक न्यू इंडिया के इंफ्रास्ट्रक्चर रोडमैप का प्रतीक है। अगर यह योजना सफल होती है, तो भारत वैश्विक रोड इंफ्रास्ट्रक्चर क्वालिटी इंडेक्स में टॉप पर पहुंच सकता है — और यह हर भारतवासी के लिए गर्व की बात होगी।
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