

बेहतर समुद्री अवसंरचना तेज़ी से माल परिवहन को सक्षम बनाती है, जिससे निर्यात-आयात में देरी कम होती है। सुधरी हुई बंदरगाह कनेक्टिविटी भारत के वैश्विक व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुव्यवस्थित करके, गति शक्ति लॉजिस्टिक्स लागत को कम करता है, जिससे भारतीय वस्तुएं वैश्विक बाज़ार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनती हैं। यह पहल लॉजिस्टिक्स लागत में कमी को समर्थन देती है।
इस योजना के तहत औद्योगिक और आर्थिक गलियारों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित होती है और भारत की निर्यात क्षमताएं मजबूत होती हैं। निर्यात-उन्मुख कॉरिडोर्स प्रमुख औद्योगिक केंद्रों को वैश्विक व्यापार मार्गों से जोड़ने का कार्य करते हैं।
सिंगल-विंडो क्लीयरेंस निवेशकों के लिए प्रशासनिक बाधाओं को कम करता है।
GIS टूल्स वास्तविक समय में परियोजनाओं की निगरानी को सक्षम बनाते हैं, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही में सुधार होता है।
मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी परिवहन में देरी को कम करती है, जिससे व्यावसायिक माहौल बेहतर होता है।
इन योजनाओं का एकीकरण राजमार्ग और बंदरगाह कनेक्टिविटी को बेहतर बनाता है, जिससे व्यापार में वृद्धि को समर्थन मिलता है।
उम्मीद है कि यह पहल भारत की लॉजिस्टिक्स लागत को वैश्विक मानकों के अनुरूप लाएगी, जिससे एक प्रतिस्पर्धी व्यावसायिक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित होगा।
पीएम गति शक्ति भारत को एक वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में स्थापित करने और व्यवसाय करने में आसानी की रैंकिंग में सुधार करने के लिए एक परिवर्तनकारी पहल के रूप में कार्य करता है।
कॉपीराइट 2022 ओजांक फाउंडेशन