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शिला-कृत मन्दिरों की प्रमुख विशेषताएँ बताइए तथा उन्हें भारत की सांस्कृतिक एकता और विविधता के दर्पण के रूप में कैसे देखा जा सकता है? (250 शब्द, 15 अंक)

21-04-2025

 

I. प्रमुख विशेषताएँ:
 

  • एक चट्टान से तराशे गए मंदिर – वास्तुशिल्प की तकनीकी पराकाष्ठा।
  • धार्मिक बहुलता – हिन्दू, बौद्ध व जैन धर्मों से संबंधित निर्माण।
  • विस्तृत मूर्तिकला – देवी-देवताओं, जातक कथाओं, प्रतीक चिह्नों का अंकन।
  • मंडप, गर्भगृह, स्तंभों की योजना – एक मंदिर के समस्त अंग निर्मित होते हैं।
     

II. प्रमुख उदाहरण व क्षेत्रीय विविधता:
 

  • अजंता (महाराष्ट्र) – बौद्ध चित्रकला और मूर्तिकला।
  • एलोरा (महाराष्ट्र) – हिन्दू, बौद्ध और जैन मंदिरों का सामंजस्य।
  • बादामी (कर्नाटक) – चालुक्य स्थापत्य का अद्वितीय नमूना।
  • महाबलीपुरम (तमिलनाडु) – पल्लव शासकों द्वारा निर्मित रथ मंदिर।
     

III. सांस्कृतिक एकता और विविधता का प्रतिबिम्ब:
 

  • एक ही स्थल पर विभिन्न धर्मों के मंदिर — भारतीय धार्मिक सहिष्णुता का प्रमाण।
  • क्षेत्रीय शैलियों और स्थानीय कला रूपों को एकीकृत करती है।
  • शासकों द्वारा सांस्कृतिक संरक्षण की परंपरा दर्शाती है।

IV. निष्कर्ष:

शिला-कृत मन्दिर स्थापत्य भारतीय सांस्कृतिक बहुलता, धार्मिक समन्वय और तकनीकी कुशलता का एक ऐसा प्रतीक है जो "एकता में अनेकता" की भावना को मूर्त रूप देता है।

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