तीस्ता-3 बांध, सिक्किम की एक महत्वपूर्ण जलविद्युत परियोजना है, जिसे एक हिमनद झील विस्फोट बाढ़ (GLOF) के कारण गंभीर क्षति हुई। इस आपदा से बड़ी संख्या में जान-माल का नुकसान हुआ और बुनियादी ढांचे की कमजोरियों को उजागर किया गया। इसने एक अधिक मजबूत और आपदा-प्रतिरोधी डिज़ाइन की आवश्यकता को रेखांकित किया।
✔ पूर्ण कंक्रीट संरचना – चट्टान-कंक्रीट मिश्रण को हटाकर पूर्ण कंक्रीट डिज़ाइन अपनाया जा रहा है ताकि मजबूती बढ़ाई जा सके।
✔ बढ़ी हुई स्पिलवे क्षमता – इसे 7,000 m³/s से बढ़ाकर 19,946 m³/s किया गया है, जिससे बाढ़ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।
✔ अर्ली वार्निंग सिस्टम – एक नया ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली बाढ़ के जोखिम को पहले से पहचानने में मदद करेगी।
✔ "सबसे खराब स्थिति" योजना – अगले 100 वर्षों के अधिकतम वर्षा अनुमानों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया, जो IPCC जलवायु परिवर्तन प्रभाव अध्ययन के अनुरूप है।
✔ नियंत्रण कक्ष स्थानांतरण – बाढ़ के दौरान परिचालन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसे ऊंचे स्थान पर स्थानांतरित किया जा रहा है।
तीस्ता-3 बांध पुनर्निर्माण का उद्देश्य बाढ़ प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना, आपदा प्रबंधन में सुधार करना और जलविद्युत स्थिरता सुनिश्चित करना है। ये परिवर्तन भविष्य में विफलताओं को रोकने और सिक्किम की ऊर्जा सुरक्षा बनाए रखने के लिए किए गए हैं।
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