The ojaank Ias

कर्णाटक संगीत की विशेषताओं और उसकी हिंदुस्तानी संगीत से तुलना कीजिए। (250 शब्द)

24-04-2025

 

I. मुख्य विशेषताएँ:
 

  • स्थिरता और परंपरा-निष्ठता:
    • रचनाएँ पूर्व निर्धारित होती हैं; बहुत अधिक परिवर्तन नहीं होता।
       
  • राग और ताल:
    • 72 मेलकर्ता रागों की प्रणाली।
    • जटिल ताल संरचना जैसे 'आदि', 'रूपक', 'मिश्र' आदि।
       
  • रचनात्मक शैलियाँ:
    • गीत, वर्नम, कीर्तन, कृती, पदम् आदि।
       
  • आध्यात्मिकता केंद्र में:
    • भगवान विष्णु, शिव, देवी की स्तुति में रचनाएँ।


II. हिंदुस्तानी संगीत से तुलना:
 

पहलू

कर्णाटक संगीत

हिंदुस्तानी संगीत

क्षेत्र

दक्षिण भारत

उत्तर भारत

रचना शैली

स्थिर, पूर्व-नियोजित

तात्कालिक, अलंकार प्रधान

राग प्रणाली

मेलकर्ता आधारित (72)

थाट प्रणाली (10)

वाद्य

वीणा, मृदंगम, कांचिरा

सितार, तबला, सारंगी

प्रमुख कलाकार

त्यागराज, मुत्तुस्वामी दीक्षितर, श्याम शास्त्री

तानसेन, बिमल मुखर्जी


III. निष्कर्ष:
 

दोनों परंपराएं भारत की संगीत विरासत को समृद्ध करती हैं। कर्णाटक संगीत अपनी तकनीकी जटिलता और भक्ति भाव से अनूठा स्थान रखता है।

 

कॉपीराइट 2022 ओजांक फाउंडेशन