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भारत में शिला-कृत मन्दिर स्थापत्य की उत्पत्ति, विकास एवं प्रमुख विशेषताओं का विवेचन कीजिए। (250 शब्द, 15 अंक)

21-04-2025

I. उत्पत्ति एवं ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
 

  • प्रारंभ बौद्ध विहारों और चैत्यगृहों से (अजंता, भीमबेटका, बाराबर गुफाएं)।
  • मौर्य काल में अशोक द्वारा बाराबर की गुफाओं का निर्माण (3rd century BCE)।
  • गुप्तकाल, चालुक्य, राष्ट्रकूट और पल्लव शासकों के समय में उन्नति।
     

II. प्रमुख विशेषताएँ:
 

  • एक ही शिला को तराश कर निर्मित मंदिर या गुफा।
  • वास्तुशास्त्र की उच्च तकनीकी क्षमता दर्शाता है।
  • मुख्य रूप से दक्षिण भारत (एलोरा, महाबलीपुरम, बादामी, अजंता) में प्रसार।
  • स्तंभ, मंडप, गर्भगृह, मूर्तिकला आदि की विस्तृत कलात्मकता।
  • धार्मिक विविधता — बौद्ध, जैन एवं हिन्दू मंदिर।
     

III. प्रमुख उदाहरण:
 

  • एलोरा का कैलासनाथ मंदिर – राष्ट्रकूट शासक कृष्ण I द्वारा निर्मित (एक विशाल चट्टान से तराशा गया)।
  • अजंता की बौद्ध गुफाएं – चित्रांकन एवं स्तूप निर्माण।
  • महाबलीपुरम के रथ मंदिर – पल्लव वंश के निर्माण।
     

IV. समकालीन प्रभाव:
 

 

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