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नदियों, हिमनदों और समुद्री लहरों द्वारा भू-आकृतिक निर्माण की प्रक्रियाओं की व्याख्या कीजिए।

18-04-2025

1. नदियों द्वारा भू-आकृतिक निर्माण
 

  • नदियाँ क्षरण (Erosion), परिवहन (Transportation) और निक्षेपण (Deposition) की प्रक्रियाओं से लैंडफॉर्म बनाती हैं।
     
  1. क्षरणात्मक भू-आकृतियाँ (Erosional Landforms)
    • जलप्रपात (Waterfall) – कठोर एवं नरम चट्टानों के अंतर के कारण बनता है।
    • गॉर्ज और कैनियन – लंबवत गहरी घाटियाँ, उदाहरण: ग्रांड कैनियन।
       
  2. निक्षेपणात्मक भू-आकृतियाँ (Depositional Landforms)
    • बाढ़ मैदान (Flood Plains) – नदी के निक्षेपण से बनते हैं।
    • डेल्टा (Delta) – नदी के मुहाने पर बनने वाला समतल क्षेत्र, जैसे सुंदरबन डेल्टा।
       

2. हिमनदों (Glaciers) द्वारा भू-आकृतिक निर्माण
 

  • हिमनद बर्फ से ढके क्षेत्र होते हैं, जो धीरे-धीरे भूमि को काटकर विभिन्न आकृतियाँ बनाते हैं।
     
  1. क्षरणात्मक लक्षण
    • U-आकार की घाटियाँ (U-Shaped Valleys) – हिमनदों द्वारा बनाई गई चौड़ी घाटियाँ।
    • सरकंडा घाटी (Cirques) – अर्धगोलाकार घाटियाँ।
       
  2. निक्षेपणात्मक लक्षण
    • मोराइन (Moraines) – हिमनद द्वारा छोड़े गए चट्टानी अवशेष।
       

3. समुद्री लहरों (Sea Waves) द्वारा भू-आकृतिक निर्माण
 

  • समुद्री लहरें लगातार तटीय चट्टानों पर प्रहार करके विभिन्न आकृतियाँ बनाती हैं।
     
  1. क्षरणात्मक लक्षण
    • समुद्री गुफाएँ (Sea Caves) – लहरों के लगातार टकराने से चट्टानों में गुफाएँ बनती हैं।
    • समुद्री मेहराब (Sea Arch) – गुफाओं के विकसित होने से मेहराब का निर्माण।
       
  2. निक्षेपणात्मक लक्षण
    • समुद्र तट (Beaches) – समुद्री लहरों द्वारा रेत का जमाव।
    • बालू के टिब्बे (Sand Dunes) – रेगिस्तानी और तटीय क्षेत्रों में बनने वाले रेत के ढेर।

 

 

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