I. गांधार कला की प्रमुख विशेषताएँ:
- ग्रीको-रोमन प्रभाव:
- मूर्तियों में यथार्थवादी मानव आकृतियाँ।
- चेहरे पर भावप्रदर्शन की स्पष्टता और ग्रीक पद्धति की छाया।
- धार्मिक चित्रण:
- बुद्ध का मानवीय रूप में चित्रण (पहली बार)।
- जातक कथाओं और बौद्ध जीवन प्रसंगों को मूर्तियों में उकेरा गया।
- प्रयुक्त सामग्री:
- मुख्यतः ग्रे शिस्ट पत्थर का उपयोग, जो नक्काशी के लिए उपयुक्त था।
II. गांधार कला का भारतीय कला पर प्रभाव:
- भारतीय मूर्तिकला की दिशा बदली:
- पहले बुद्ध का केवल प्रतीकात्मक रूप था; अब मानवीय रूप में पूजा होने लगी।
- मथुरा शैली से तुलना:
- गांधार शैली में पश्चिमी प्रभाव, जबकि मथुरा शैली अधिक स्वदेशी थी।
- महायान बौद्ध परंपरा को प्रेरणा:
- देवतुल्य बुद्ध की धारणा को मजबूत किया।
III. समापन:
गांधार कला-शैली भारतीय कला इतिहास में एक अनोखा संगम प्रस्तुत करती है, जहाँ पूर्व और पश्चिम की विचारधाराएँ कला के माध्यम से अभिव्यक्त हुईं।
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